CG News : ट्रैक्टर चालक ने रोका राशन से भरा ट्रक, इलाज में खर्च रकम की भरपाई की मांग पर अड़ा, हादसे में गंवाया था कान

CG News : गरियाबंद. साल भर पहले पीडीएस ट्रक की टक्कर से घायल ट्रैक्टर चालक ने घुमरा पदर में राशन से भरे ट्रक को रोक दिया. कागजी समझौते के बाद भी ट्रांसपोर्टर पर इलाज में खर्च हुए 83 हजार रुपए नहीं का आरोप है. ट्रैक्टर चालक का कहना है कि अब भरपाई करने के बाद ही वह ट्रक को वापस लौटाएगा.

Gariyaband News

क्या है पूरा मामला ?

अमलीपदर तहसील के घुमरा पदर स्थित राशन दुकान में रविवार को देर शाम राशन छोड़ने गए होरा ट्रांसपोर्टर की ट्रक को स्थानीय ट्रैक्टर चालक जितेंद्र नागेश ने रोक लिया. राशन खाली कराए बगैर चालक और हमालो को बैरंग लौटा दिया. शाम 7 बजे से ट्रक घुमरा पदर राशन दुकान के पास खड़ा है, जिसके आसपास ट्रेक्टर चालक जितेंद्र रात भर पहरेदारी करता रहा. देर रात ट्रांसपोर्टर के एजेंट ने जितेंद्र से बात कर ट्रक को छोड़ने की कोशिश कराया गया, पर जितेंद्र इलाज में खर्च हुए 83 हजार की भरपाई की मांग पर अड़ा है. जितेंद्र के साथ उसके समाज और गांव वाले भी दे रहे हैं.

20 सितंबर को हुए हादसे में कान चला गया

20 सितंबर 2024 को होरा ट्रांसपोर्टर की ट्रक राशन खाली कराने पहुंचा था. खाली करने के बाद पीडीएस दुकान से आगे ट्रक नहीं बढ़ पा रहा था. जितेंद्र नागेश के ट्रैक्टर की मदद ली गई. जितेंद्र ट्रेक्टर से ट्रक के पीछे टोचन कर उसे आगे धकेल रहा था. कुछ दूर बढ़ने के बाद ट्रक वापस आ गया. ट्रक की टक्कर से ट्रैक्टर पलट गया, चालक घनश्याम दबा रहा. जिसे गंभीर हालात में रायपुर में भर्ती कराया गया था. हादसे में उसका बाया कान कट गया. सिर में 10 से ज्यादा टांके लगे.

ग्रामीणों ने 5 दिनों से बंधक बना रखा था ट्रक को

हादसे के बाद पूरा गांव और पंडरा माली समाज में आक्रोश था. घटना के बाद ग्रामीणों ने राशन से भरे ट्रक को 20 सितंबर से बंधक बनाया था. समाज और ग्रामीणों के हंगामे को देखते हुए प्रशासन ने कई दौर के बैठक के बाद आपस में समझौता कराया था. तब ट्रांसपोर्टर की ओर से स्टाम्प में करार कर उपचार में लगने वाले रकम की भरपाई करने की सहमति दी थी.

नहीं दिया रकम इसलिए रोका

जितेंद्र नागेश ने कहा कि उपचार में ढाई लाख से ज्यादा खर्च हुए. आयुष्मान कार्ड और अन्य सरकारी खर्च को छोड़ 83 हजार रुपए घर से खर्च किया. इस पैसे की व्यवस्था पत्नी ने अपने जेवरात बेंच कर किया था. इसी 83 हजार रुपए की कई बार मांग की गई, लेकिन ट्रांसपोर्ट पिछले एक साल से घुमा रहा है. तय करार के मुताबिक पैसा नहीं दिया. कहा कि जब तक लागत की भरपाई नहीं करेगा वह ट्रक को नहीं जाने देगा.इधर ट्रांसपोर्ट प्रतिनिधि जज कुमार सिन्हा ने कहा कि सारा खर्च आयुष्मान कार्ड से वहन हुआ था. अन्य खर्च की भरपाई भी किया गया था. ट्रक बंधक की सूचना विभाग को दे दी गई है.

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